जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए उपयोगी सूक्ष्मजीव
जल प्रदूषण को नियंत्रित करने और उसे शुद्ध करने में विभिन्न सूक्ष्मजीव उपयोगी होते हैं। ये सूक्ष्मजीव प्रदूषकों को तोड़कर, उनके हानिकारक प्रभाव को कम करते हैं। कुछ प्रमुख सूक्ष्मजीव और उनके उपयोग इस प्रकार हैं:
1. बैक्टीरिया (Bacteria)
Pseudomonas: यह हानिकारक कार्बनिक यौगिकों, जैसे पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन को तोड़ने में सहायक है।
Nitrosomonas और Nitrobacter: ये नाइट्रोजन चक्र में मदद करते हैं और जल से अमोनिया व नाइट्रेट्स को हटाते हैं।
Bacillus subtilis: यह जल में उपस्थित कार्बनिक कचरे को विघटित करता है।
2. फफूंद (Fungi)
Aspergillus और Penicillium: ये औद्योगिक अपशिष्ट में मौजूद भारी धातुओं और रसायनों को अवशोषित करने में सहायक हैं।
3. शैवाल (Algae)
Chlorella और Spirulina: ये जल से विषाक्त पदार्थों को हटाने और ऑक्सीजन बढ़ाने में सहायक हैं।
Diatoms: यह प्रदूषकों के जैविक अपघटन में सहायक हैं।
जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए सूक्ष्मजीवों की भूमिका
1. जैविक प्रदूषण का निपटान: सूक्ष्मजीव जैविक प्रदूषण को तोड़ने में मदद करते हैं और जल की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
2. रासायनिक प्रदूषण का निपटान: सूक्ष्मजीव रासायनिक प्रदूषण को भी तोड़ने में मदद करते हैं और जल की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
3. पोषक तत्वों का चक्र: सूक्ष्मजीव पोषक तत्वों के चक्र में मदद करते हैं और जल में पोषक तत्वों की मात्रा को नियंत्रित करते हैं।
4. विषाक्त पदार्थों का निपटान: सूक्ष्मजीव विषाक्त पदार्थों को तोड़ने में मदद करते हैं और जल की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
5. जलीय जीवन का समर्थन: सूक्ष्मजीव जलीय जीवन का समर्थन करते हैं और जल में जीवन की विविधता को बनाए रखने में मदद करते हैं।
6. जल शुद्धिकरण: सूक्ष्मजीव जल शुद्धिकरण में मदद करते हैं और जल को स्वच्छ और सुरक्षित बनाते हैं।
7. पर्यावरण संरक्षण: सूक्ष्मजीव पर्यावरण संरक्षण में मदद करते हैं और जल प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं।
जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता
जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारक हैं:
1. प्रदूषण का प्रकार: सूक्ष्मजीव विभिन्न प्रकार के प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि जैविक प्रदूषण, रासायनिक प्रदूषण और विषाक्त पदार्थ।
2. सूक्ष्मजीवों की प्रजाति: विभिन्न प्रजातियों के सूक्ष्मजीव विभिन्न प्रकार के प्रदूषण को कम करने में मदद कर सकते हैं।
3. जल की गुणवत्ता: सूक्ष्मजीव जल की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन जल की गुणवत्ता सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकती है।
4. तापमान और पीएच: सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता तापमान और पीएच पर निर्भर करती है।
5. पोषक तत्वों की उपलब्धता: सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता पोषक तत्वों की उपलब्धता पर निर्भर करती है।
सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए, यह आवश्यक है कि जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाए जिसमें सूक्ष्मजीवों के साथ-साथ अन्य तकनीकों और रणनीतियों का भी उपयोग किया जाए।
जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन
प्रयोगशाला अध्ययन:
प्रयोगशाला में सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता की जाँच विभिन्त्र प्रदूषकों के विघटन की दर, मेटाबोलिज़्म (उपापचय) की क्षमता, और उनके वातावरण में वृद्धि के आधार पर की जाती है। प्रयोगशाला अध्ययन यह सुनिश्चित करता है कि सूक्ष्मजीव कितनी जल्दी और कुशलता से प्रदूषकों को विघटित कर सकते हैं।
(b) क्षेत्रीय अध्ययन
क्षेत्रीय अध्ययन में सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता को वास्तविक जल निकायों में परीक्षण करके मूल्यांकित किया जाता है। यह अध्ययन प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों और सान्द्रताओं में सूक्ष्मजीवों की क्रियाशीलता का मूल्यांकन करता है।
जल प्रदूषण नियन्त्रण के लिए सूक्ष्मजीवों की क्रियावली में आने वाली समस्याओं और चुनौतियां
1. प्रदूषकों की जटिलता
जल स्रोतों में कई प्रकार के प्रदूषक (जैसे भारी धातुएं, तेल, और कार्बनिक रसायन) होते हैं, जिन्हें सभी प्रकार के सूक्ष्मजीव हटाने में सक्षम नहीं होते।
कुछ प्रदूषक सूक्ष्मजीवों के लिए विषैले होते हैं और उनकी वृद्धि को बाधित करते हैं।
2. पर्यावरणीय परिस्थितियों का प्रभाव
तापमान, पीएच, ऑक्सीजन का स्तर, और पानी में मौजूद पोषक तत्व सूक्ष्मजीवों की प्रभावशीलता को प्रभावित करते हैं।
कठोर परिस्थितियों (जैसे अम्लीय या क्षारीय जल) में सूक्ष्मजीव सक्रिय रूप से काम नहीं कर पाते।
3. विशिष्ट सूक्ष्मजीवों की आवश्यकता
प्रदूषण हटाने के लिए सही प्रकार के सूक्ष्मजीवों की पहचान और उनका प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सभी सूक्ष्मजीव स्थानीय पर्यावरण के साथ अनुकूल नहीं होते।
4. प्राकृतिक प्रतिस्पर्धा
प्राकृतिक जल स्रोतों में पहले से मौजूद सूक्ष्मजीवों और उपचार के लिए जोड़े गए सूक्ष्मजीवों के बीच प्रतिस्पर्धा होती है, जो उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकती है।
5. प्रक्रिया की धीमी गति
सूक्ष्मजीवों द्वारा प्रदूषकों का विघटन समय लेने वाला होता है, जो बड़े पैमाने पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए पर्याप्त तेज़ नहीं हो सकता।
6. कठिन प्रदूषकों का अपघटन
कुछ प्रदूषक (जैसे पॉलीसायक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन और कीटनाशक) जैविक रूप से अपघटनीय नहीं होते और लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं।
7. तकनीकी सीमाएँ
सूक्ष्मजीवों के प्रभावी उपयोग के लिए उन्नत तकनीकों और उपकरणों की आवश्यकता होती है, जो हर जगह उपलब्ध नहीं हो पाते।
8. आर्थिक चुनौतियाँ
सूक्ष्मजीव-आधारित उपचार की लागत अधिक हो सकती है, विशेष रूप से बड़े जल स्रोतों के लिए।
9. अनपेक्षित पर्यावरणीय प्रभाव
उपचार के दौरान बनाए गए उप-उत्पाद (by-products) कभी-कभी हानिकारक हो सकते हैं।
जैविक अपशिष्ट को विघटित करने में करने में कौन से सूक्ष्मजीव उपयोगी होते हैं ?
उत्तर: बैक्टीरिया
जल में नाइट्रोजन और फास्फोरस को नियंत्रित करने में कौन से सूक्ष्म जीव मदद कर होते हैं?
उत्तर: एल्गी