deductive method (निगमनात्मक विधि)

 निगमनात्मक विधि एक तार्किक प्रक्रिया है जहाँ डेटा एकत्र करके और सिद्धांत की पुष्टि या खंडन करने के लिए उसका विश्लेषण करके एक सामान्य सिद्धांत या परिकल्पना का परीक्षण किया जाता है। यह अधिक सामान्य से अधिक विशिष्ट तक काम करता है।

उदाहरण:

1. सभी मनुष्य नश्वर हैं। (सामान्य कथन)

2. राम एक मनुष्य है। (विशेष कथन)

3. इसलिए, राम नश्वर है। (निष्कर्ष)


निगमनात्मक शोध दृष्टिकोण में पाँच चरण होते हैं:


1. सिद्धांत से शुरू करना: शोधकर्ता किसी विषय के बारे में मौजूदा सिद्धांत या सामान्यीकरण से शुरू करते हैं। अर्थात  मौजूदा सिद्धांत से शुरू करें और समस्या कथन बनाएँ।


2. परिकल्पना तैयार करना: सिद्धांत के आधार पर, वे एक परीक्षण योग्य परिकल्पना (एक विशिष्ट भविष्यवाणी) विकसित करते हैं।


3.  आंकड़ों को एकत्र करना: शोधकर्ता परिकल्पना का परीक्षण करने के लिए अवलोकन, प्रयोग या सर्वेक्षण के माध्यम से प्रासंगिक डेटा एकत्र करते हैं।


4. आंकड़ों का विश्लेषण करना:

डेटा का विश्लेषण यह देखने के लिए किया जाता है कि यह परिकल्पना का समर्थन करता है या उसे अस्वीकृत करता है।


5. निष्कर्ष: विश्लेषण के आधार पर, सिद्धांत की पुष्टि, परिशोधन या अस्वीकृति की जाती है। अर्थात यह तय करना कि शून्य परिकल्पना को अस्वीकार कर सकते हैं या नहीं।


निगमनात्मक विधि को अक्सर आगमनात्मक विधि से अलग किया जाता है, जहाँ शोधकर्ता अवलोकन से शुरू करता है और फिर एक सिद्धांत विकसित करता है।


निगमन विधि के गुण (Advantages):


1. विश्वसनीयता (Reliability): निगमन विधि की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यदि प्रस्ताव (premises) सत्य हैं और तर्क (reasoning) सही तरीके से की गई है, तो निष्कर्ष (conclusion) भी सत्य होगा। यह सुनिश्चितता और विश्वसनीयता प्रदान करती है।


2. स्पष्टता (Clarity): निगमन विधि की तर्क प्रक्रिया स्पष्ट, व्यवस्थित और तार्किक होती है। इसमें विचार प्रक्रिया व्यवस्थित ढंग से चलती है, जिससे भ्रम की संभावना कम हो जाती है।


3. वैज्ञानिकता (Scientific nature): वैज्ञानिक अनुसंधान में यह विधि बहुत उपयोगी होती है, क्योंकि यह पहले से ज्ञात और स्वीकृत सामान्य नियमों या सिद्धांतों से विशेष निष्कर्ष प्राप्त करने की क्षमता रखती है।


4. सिद्धांत परीक्षण (Theory Testing): यह विधि विभिन्न सिद्धांतों की सटीकता और व्यावहारिकता को परखने में सहायक होती है। इससे सिद्धांतों को सही तरीके से लागू करने का परीक्षण किया जा सकता है।


5. सरलता (Simplicity): तर्क प्रक्रिया आसान और सरल होती है, जिसे आसानी से समझा जा सकता है।


6. निश्चितता (Certainty): इस विधि से प्राप्त निष्कर्ष निश्चित होते हैं, क्योंकि यह सही प्रस्तावों पर आधारित होती है।


7. मितव्ययी (Economical): निगमन विधि में जटिल गणनाओं या संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह मितव्ययी होती है।


8. आर्थिक विश्लेषणों के लिए उपयुक्त: निगमन विधि का उपयोग अक्सर आर्थिक विश्लेषणों और मॉडलिंग के लिए किया जाता है क्योंकि यह मौजूदा सिद्धांतों से विशिष्ट निष्कर्ष निकालने में सक्षम होती है।


निगमन विधि के दोष (Disadvantages):


1. सीमितता (Limitations): यह विधि केवल उन्हीं परिस्थितियों में काम करती है जहां पहले से स्थापित सामान्य नियम या सिद्धांत उपलब्ध होते हैं। अगर ये नियम गलत साबित होते हैं, तो परिणाम भी गलत होंगे।


2. नवाचार की कमी (Lack of Innovation): चूंकि यह विधि पहले से ज्ञात सिद्धांतों पर आधारित होती है, इसलिए इससे नए ज्ञान या नई जानकारी प्राप्त करने की संभावना कम होती है। यह मौलिक सोच या नवाचार को प्रेरित नहीं करती।


3. अत्यधिक निर्भरता (Over-reliance): निगमन विधि पूरी तरह से प्रारंभिक प्रस्तावों पर निर्भर करती है। यदि प्रस्ताव गलत हैं, तो निष्कर्ष भी गलत होंगे, चाहे तर्क प्रक्रिया सही हो।


4. निष्कर्षों की जांच करना कठिन (Difficult to Verify Conclusions): निगमन विधि से प्राप्त निष्कर्षों की व्यावहारिक रूप से जांच करना हमेशा आसान नहीं होता, खासकर जब सिद्धांत जटिल होते हैं।


5. सार्वभौमिकता का आभाव (Lack of Universality): निगमन विधि में सामान्य नियमों से विशिष्ट निष्कर्ष प्राप्त किए जाते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि ये निष्कर्ष हर स्थिति में लागू हों।





The deductive method is a logical process where a general theory or hypothesis is tested by collecting data and analyzing it to confirm or refute the theory. It works from the more general to the more specific.


Example:

1. All human beings are mortal. (General statement)

2. Ram is a human being. (Special statement)

3. Therefore, Ram is mortal. (Conclusion)


The deductive research approach consists of five stages:


1. Start with a theory: Researchers begin with an existing theory or generalization about a subject. (Start with an existing theory and create a problem statement)


2. Formulate a hypothesis: Based on the theory, they develop a testable hypothesis (a specific prediction).


3. Collect data: Researchers gather relevant data through observation, experiments, or surveys to test the hypothesis.


4. Analyze data

The data is analyzed to see if it supports or disproves the hypothesis.


5. Conclusion: Based on the analysis, the theory is either confirmed, refined, or rejected.

(Decide whether you can reject the null hypothesis)


The deductive method is often contrasted with the inductive method, where the researcher starts with observations and then develops a theory.


Advantages of Deductive Method:


1. Reliability: The biggest advantage of the deductive method is that if the premises are true and the reasoning is carried out correctly, the conclusion will also be true. This provides certainty and reliability.


2. Clarity: The reasoning process in the deductive method is clear, organized, and logical. The thought process proceeds in a structured manner, reducing the likelihood of confusion.


3. Scientific Nature: This method is very useful in scientific research because it has the capability to derive specific conclusions from previously known and accepted general rules or principles.


4. Theory Testing: The deductive method helps in testing the accuracy and practicality of various theories. It allows for the proper application and testing of theories.


5. Simplicity: The reasoning process is easy and straightforward, making it simple to understand.


6. Certainty: The conclusions derived from this method are certain because they are based on true premises.


7. Economical: The deductive method does not require complex calculations or resources, making it cost-effective.


8. Suitable for Economic Analysis: The deductive method is often used for economic analysis and modeling as it can derive specific conclusions from existing theories.


Disadvantages of Deductive Method:


1. Limitations: This method only works in situations where general rules or principles have already been established. If these rules are proven wrong, the results will also be incorrect.


2. Lack of Innovation: Since this method is based on pre-existing principles, the chances of generating new knowledge or information are limited. It does not encourage original thinking or innovation.


3. Over-reliance: The deductive method is entirely dependent on the initial premises. If the premises are incorrect, the conclusion will also be wrong, even if the reasoning process is correct.


4. Difficult to Verify Conclusions: It is not always easy to practically verify the conclusions derived from the deductive method, especially when the theories are complex.


5. Lack of Universality: The deductive method derives specific conclusions from general rules, but these conclusions may not apply universally to all situations.