वैज्ञानिक पद्धति का अर्थ
(Meaning of Scientific Method)
वैज्ञानिक पद्धति, वैज्ञानिक अध्ययन की एक व्यवस्थित पद्धति है। इसके अर्थ को समझाते हुए ऑगस्ट कॉम्टे ने कहा है कि, "वैज्ञानिक पद्धति में धर्म, दर्शन या कल्पना का कोई भी स्थान नहीं है। इसके विपरीत निरीक्षण, प्रयोग और वर्गीकरण की एक व्यवस्थित कार्य-प्रणाली को वैज्ञानिक पद्धति कहते हैं।"
वैज्ञानिक विधि या पद्धति की विभिन्न परिभाषाएँ विद्वानों द्वारा दी गई हैं, जो निम्नांकित प्रकार हैं-
(2) मॉरिस कोहने एवं एगल के अनुसार, "जिसे वैज्ञानिक पद्धति कहा जाता है, वह अन्य विधियों से मूलतः इस बात में भिन्न है कि वह यथासम्भव शंका को प्रोत्साहित और विकसित करती है, जिससे कि इस शंका से जो कुछ भी बच रहे, वह सदैव सर्वोत्तम प्राप्त साक्ष्य से परिपुष्ट हो सके।"
(3) मार्टिण्डेल और मोनाकेसी के अनुसार, "वैज्ञानिक पद्धति से हमारा अभिप्राय उस तरीके से होता है जिसे कि विज्ञान प्रयोग सिद्ध ज्ञान की प्राप्ति के लिए अपनी आधारभूत प्रणालियों को व्यवहार में तथा अपने उपकरणों एवं प्रविधियों में प्रयोग करने में करता है।"
वैज्ञानिक पद्धति की विशेषताएँ (Characteristics of Scientific Method)
वैज्ञानिक पद्धति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित है---
(1) वस्तुनिष्ठता (Objectivity) वैज्ञानिक पद्धति की प्रथम शर्त उसका वस्तुनिष्ठ या वैषयिक होना है अर्षात् यह पद्धति व्यक्तिनिष्ठ न होकर वस्तुनिष्ठ होती है। ए. डब्ल्यू, ग्रीन ने लिखा है कि वस्तुनिष्ठता का आशय किसी तथ्य अथवा प्रमाण की निष्पक्षतापूर्वक जाँच करने की इच्छा एवं योग्यता है। वैज्ञानिक पद्धति में अनु- सन्धानकर्ता के स्वयं के विचारों, इच्छाओं, आदर्शों, मूल्यों, पूर्वधारणाओं, पूर्वाग्रहों आदि का कोई स्थान नहीं है। ए. वुल्फ ने लिखा है "सही ज्ञान की प्रथम शर्त ऐसे तथ्यों को प्राप्त करने की दृढ़ इच्छा एवं योग्यता है जो बाह्य स्वरूप, प्रचलित विचारधारा एवं व्यक्तिगत विचारों से प्रभावित न हो। वस्तुनिष्ठता जितनी सरल दिखाई देती है वस्तुतः उतनी सरल नहीं है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ कुछ मनोवृत्तियाँ, संस्कार, विचार एवं दृष्टिकोण अवश्य रखता है और ऐसी स्थिति में उसका पूर्णरूपेण वस्तुनिष्ट होना बहुत कठिन होता है, किन्तु अनुसन्धान के दौरान यह माना जाता है कि किस सीमा तक वस्तुनिष्ठता का पालन करेगा।
(2) तार्किकता (Rationality) वैज्ञानिक पद्धति की एक अन्य विशेषता यह है कि यह तार्किक रूप से सशक्त हो। जॉन डीवी ने 'How We Think' में लिखा है कि इस तार्किकता की बहुत अधिक उपेक्षा वैज्ञानिक पद्धति में की जाती है। वैज्ञानिक पद्धति सम्पूर्णतः तार्किक टाँचे पर आधारित है। तर्क के नियम हैं जिनके आधार
(3) सत्यापनशीलता (Verifiability) - सत्यापन ही ऐसा गुण है जिसके कारण वैज्ञानिक विधियाँ अन्य विधियों की तुलना में अधिक प्रामाणिक मानी जाती हैं। इसमें कोई भी व्यक्ति निर्धारित प्रविधियों का प्रयोग कर किसी भी समय निष्कर्षों की जाँच कर सकता है। इस प्रकार वैज्ञानिक पद्धति में यह बात महत्वपूर्ण है कि इसमें किसी भी सिद्धान्त को बलपूर्वक नहीं मनवाया जाता वरन् परीक्षण करके सत्यापन किया जाता है। सत्यापन के लिए यह अनिवार्य है कि उस सत्य का अवलोकन किया जा सकता हो, जैसा कि लुण्डबर्ग ने लिखा है कि, "यदि किसी सिद्धान्त के निष्कर्षों के सत्यापन के लिए अवलोकन आवश्यक है, लेकिन यदि वह अव्यावहारिक या असम्भव है तो उसे वैज्ञानिक होने के स्थान पर दर्शनशास्त्रीय ही माना जायेगा।"
(4) निश्चयात्मकता (Definiteness) - वैज्ञानिक पद्धति स्पष्ट, निश्चित एवं विशिष्ट होती है। निश्चयात्मकता के लिए विषय सामग्री को स्पष्ट रूप से परिभाषित की जाती है तथा उनका सारणीयन और वर्गीकरण किया जाता है।
(5) सामान्यता (Generality): सामान्यता वैज्ञानिक प्रकृति की एक अनिवार्य विशेषता है। वैज्ञानिक पद्धति के द्वारा किया जाने वाला अनुसन्धान प्रायः सभी के ऊपर लागू होता है। लेकिन यह तभी सम्भव होता है जबकि समस्या से सम्बन्धित निष्कर्षों को वैज्ञानिक आधार पर निकाला गया हो। वुल्फ का कथन है कि, "विज्ञान के व्यक्तिगत पदार्थों अथवा व्यक्तिगत पदार्थों के समूहों से सम्बन्ध नहीं रखता। यह मुख्यतः प्रतिनिधि रूपों, किस्मों अथवा वर्गों से सम्बन्धित है, जिनमें उपस्थित व्यक्तिगत पदार्थ एक उदाहरण है।" इस प्रकार, जब किसी एक इकाई का अध्ययन किया जाता है तो इससे सम्बन्धित निष्कर्ष उस इकाई के पूरे वर्ग पर लागू होते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि वैज्ञानिक नियम सार्वभौमिक होते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि सामान्यतया इसकी प्रमुख विशेषता है।
(6) पूर्वानुमान क्षमता (Predictability):
वैज्ञानिक पद्धति की पाँचवीं विशेषता उसकी भविष्य की ओर संकेत करने की क्षमता होती है। इसका अर्थ यही है कि वर्तमान में जो कुछ सत्य दिखाई दे रहा है वह भविष्य में भी समान परिस्थितियों के पाये जाने पर सत्य ही होगा। साथ ही यदि घटनाओं में परिवर्तन हो रहे हैं तो उसके आधार पर भविष्य में सत्य की प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होगा, इसकी भविष्यवाणी करना भी वैज्ञानिक पद्धति की विशेषता है। इस प्रकार वैज्ञानिक पद्धति समाज की घटनाओं और परिस्थितियों के बारे में भविष्यवाणी करने में सक्षम होती है।
निष्कर्ष रूप से कहा जा सकता है कि वैज्ञानिक पद्धति में तथ्यों का सत्यापन, निश्चितता, वैषयिकता, सामान्यतया तथा पूर्वानुमान की क्षमता होती है। साथ ही कार्य-कारण सम्बन्धों के आधार पर परिवर्तित होने वाली घटनाओं एवं उनके सम्भावित परिणामों की ओर भी यह संकेत करता है।