बीमा एवं आर्थिक विकास (Insurance and Economic Development)

 बीमा एवं आर्थिक विकास (Insurance and Economic Development)

बीमा किसी भी देश की व्यावसायिक, आर्थिक, औद्योगिक

तथा सामाजिक प्रगति का दर्पण है। आधुनिक युग में किसी देश की आर्थिक उन्नति का अनुमान उस देश के बीमा सम्बन्धी आँकड़ों से लगाया जाता है। बीमा से समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ प्राप्त होता है।

बीमा सामाजिक आवश्यकता तो है ही साथ ही आर्थिक विकास के लिए भी बहुत आवश्यक है। इसको हम निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर समझ सकते हैं-


(1) मुद्रा बाजार के विकास में योगदान (Contributes to the development of money market)

बीमा प्रीमियमों को भारी राशि से देश के मुद्रा बाजार के विकास में भी योगदान मिलता है। फलतः अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण प्रतिभूतियों का लेन-देन आसान हो जाता है और सरकार, बैंक तथा कम्पनियाँ सभी अपनी आवश्यकतानुसार मुद्रा तत्काल प्राप्त कर सती है या विनियोग कर सकती है।


(2) राष्ट्रीय बचत में वृद्धि (Increases national savings)

बीमा के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति बचत करता है। इससे कुल राष्ट्रीय बचत में वृद्धि होती है।

 

(3) सम्पूर्ण राष्ट्रीय विकास (All round development of the nation) 

उद्योगों के विकास, रोजगार के अवसरों के विकास, अधिक बचत एवं पूँजी निर्माण, सभी सम्पूर्ण राष्ट्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।


(4) राष्ट्रीय आय में निरन्तरता (Regularity in national income)

अनेक कारखाने, जहाज तथा अन्य व्यवसाय प्रति वर्ष नष्ट होते हैं, जिनसे सरकार को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों की बहुत बड़ी राशि प्राप्त होती है, लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध होता है। यदि उनका बीमा न हो तो इनमें से अधिकांश पुनः स्थापित नहीं हो सकेंगे। परिणामस्वरूप, इनके नष्ट होने से सरकारी एवं अन्य लोगों की आय में कमी हो जायेगी। परन्तु बीमा इन सभी कारखानों, जहाजों तथा अन्य व्यवसायों को पुनर्जीवित करने में योगदान देता है; परिणामस्वरूप, सरकार की आय में निरन्तरता भी बनी रहती है।


(5) अधिक पूँजी की उपलब्धता (Availability of more capital)

बचत उद्योगों के लिए पूँजी के रूप में उपलब्ध होती है। भारतीय जीवन बीमा निगम ने कई हजार करोड़ रुपये कम्पनियों के अंशों, ऋणपत्रों में विनियोग कर रखे हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य बीमा निगम की सहायक कम्पनियाँ भी अपने लाभों के एक बहुत बड़े भाग को कम्पनियों में विनियोग कर रही हैं। 


(6) प्राथमिक to the development to primary share capital market)

प्राथमिक अंश पूँजी बाजार नये अंशों के निर्गमन से सम्बन्धित बाजार होता है। बीमा कम्पनियाँ नई एवं पुरानी कम्पनियों के अंशों एवं ऋणपत्रों का अभिगोपन करके या उनका 'निजी तौर पर प्रस्ताव' (Private placement offer) को स्वीकार करके या उनके अभिदान हेतु आवेदन करके प्राथमिक अंश पूँजी बाजार के विकास में योगदान देती है। 


(7) राष्ट्रीय महत्व के जोखिम युक्त कार्यों को प्रोत्साहन (Encourages risky activities of national

importance)

बीमा ने राष्ट्रीय महत्व के अनेक ऐसे कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित किया है जिनमें बहुत अधिक जोखिम विद्यमान होती है। अन्तरिक्ष यान एवं प्रयोगशालाएँ, आधुनिक सैनिक उपकरणों का परीक्षण, विश्वस्तरीय खेलकूद, आदि कार्यों में बीमा उद्योग का सहयोग रहा है। न केवल भारतीय बल्कि विदेशी बीमा कम्पनियों ने ऐसे कार्यों की जोखिम उठाने को प्रोत्साहित किया है।


(8) उद्योगों का विकास (Development of industries) 

अधिक पूँजी की उपलब्धता से उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलता है।


(9) मुद्रा स्फीति पर नियन्त्रण (Control over inflation)

बीमा प्रीमियम के रूप में जमा धन बाजार में मुद्रा-प्रसार को रोकता है और बाद में इसी धन का उद्योगों के विकास के लिए उपयोग किया जाता है। इनका परिणाम यह होता है कि मुद्रा स्फीति में कमी लायी जा सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिति यह है कि देश की कुल प्रचलित मुद्रा का लगभग 5 प्रतिशत भाग बीमा प्रीमियम के रूप में एकत्रित होता है। प्रीमियम की राशि में से विनियोजित राशि देश के कुल पूँजी विनियोग के 10 प्रतिशत के बराबर है। 


(10) जन-कल्याणकारी कार्यों में योगदान (Contributes to the functions of public welfare)

आज सभी देशों के बीमा संस्थान अपने बीमा व्यवसाय का महत्व एवं लाभ कोषों में एक भाग सरकार के कार्यों यथा रक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, समाज कल्याण, सन्तुलित आर्थिक नियोजन, सामाजिक न्याय के कार्यों में विनियोग कर रहे हैं। इससे प्रत्येक जन-कल्याणकारी सरकार के कार्यों को पूरा करने में योगदान मिल रहा है। 


(11) राष्ट्रीय योजनाओं में योगदान (Contributes to the national plans)

बीमा राष्ट्रीय योजनाओं को पूरा करने में भी योगदान देता है। बीमा प्रीमियम के रूप में एकत्र किये हुए धन में से एक बहुत बड़ा भाग देश की योजनाओं के लिए उपलब्ध हो जाता है। इससे देश में बड़े-बड़े बाँध, पुल, रेलवे लाइनों के निर्माण, वृहद् उद्योगों की स्थापना, वैधानिक अनुसंधान आदि कार्यों को पूरा किया जाता है।


(12) रोजगार के अवसरों में वृद्धि (Increases employment opportunities)

अधिक उद्योगों के विकास से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है।


Insurance and Economic Development


Insurance is the mirror of commercial, economic, industrial and social progress of any country.  In the modern era, the economic progress of a country is estimated from the insurance related statistics of that country.  Every section of the society benefits from insurance. Insurance is not only a social necessity but is also very important for economic development.  We can understand this on the basis of following points-


(1) Contributes to the development of the money market 

Insurance premiums also contribute to the development of the money market of the country in a huge amount.  As a result, transactions of short-term and long-term debt securities become easy and the government, banks and companies can all obtain or invest currency immediately as per their requirement.



(2) Increases national savings 

Every person saves through insurance. This increases the total national savings.


(3) All round development of the nation

Development of industries, development of employment opportunities, more savings and capital formation, all pave the way for overall national development.


(4) Regularity in national income

Many factories, ships and other businesses are destroyed every year, due to which the government receives a huge amount of direct and indirect taxes and provides employment to millions of people.  Most of these will not be able to be reinstalled if they are not insured.  As a result, their destruction will reduce the income of the government and other people.  But insurance contributes to the revival of all these factories, ships and other businesses;  As a result, the income of the government also remains constant.


5) Availability of more capital

Savings are available in the form of capital for industries.  Life Insurance Corporation of India has invested several thousand crore rupees in shares and debentures of companies.  Apart from this, the subsidiary companies of General Insurance Corporation are also investing a large part of their profits in the companies.


(6) Primary to the development to primary share capital market)

Primary share capital market is the market related to the issue of new shares.  Insurance companies contribute to the development of the primary share capital market by underwriting shares and debentures of new and old companies or by accepting their 'Private Placement offer' or by applying for their subscription.


(7) Encourages risky activities of national importance

Insurance has encouraged undertaking many such works of national importance which involve high risk.  The insurance industry has been instrumental in the development of spacecraft and laboratories, testing of modern military equipment, world-class sports, etc.  Not only Indian but also foreign insurance companies have encouraged risk taking for such operations.


(8) Development of industries

Availability of more capital promotes the development of industries.


(9) Control over inflation

The money deposited in the form of insurance premium prevents currency circulation in the market and later this money is used for the development of industries.  The result is that inflation can be reduced.  The situation in the Indian economy is such that about 5 percent of the total currency in circulation of the country is collected in the form of insurance premium.  The amount appropriated out of the premium amount is equal to 10 percent of the total capital investment of the country.


(10) Contribution to the functions of public welfare

Today, insurance institutions of all countries are investing a part of their insurance business in government works like defense, education, medicine, social welfare, balanced economic planning, social justice etc.  This is contributing in completing the works of every public welfare government.


(11) Contribution to the national plans

Insurance also contributes to carrying out national plans.  A large portion of the money collected as insurance premiums becomes available for the country's schemes.  Through this, works like construction of big dams, bridges, railway lines, establishment of large industries, statutory research etc. are completed in the country.


(12) Increases employment opportunities

Development of more industries increases employment opportunities.

Tags