बीमा से आशय एवं परिभाषा
(MEANING AND DEFINITIONS OF INSURANCE)
मनुष्य को जान और उसको जमा पूँजी को अनेकानेक तरह से महाविनाश या बर्बादी होने का भय बना रहता है। कौन जानता है कि कब किसकी मृत्यु हो जाय ? मानव का भविष्य अज्ञात है। कल क्या होने वाला है, यह अनिश्चित है। मकान, दुकान, जहाज, मोटर, ट्रक, हवाई जहाज, रेल आदि के दुर्घटनाग्रस्त होने से लाखों रुपयों को हानि होने के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र में परेशानियाँ आ जाती है। अगर व्यापारी को दुकान दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है, उसका व्यवसाय नष्ट हो जाता है वह अन्त में व्यापारियों के कजों का भुगतान भी नहीं कर पाता है। इससे अन्य व्यापारियों के व्यापार पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
आकस्मिक दुर्घटनाएँ संकटों की एक लम्बी श्रृंखला को जन्म देती है जिससे समाज को बहुत हानि होती है। मृत्यु, युद्ध, आग, तूफान, दंगे, यान्त्रिक खराबियाँ, अत्यधिक गति व बीमारियाँ इन होने वाली दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। इन विभिन्न कारणों से होने वाली दुर्घटनाओं को तो नहीं रोका जा सकता परन्तु इससे होने वालो आर्थिक क्षति की पूर्ति अवश्य कम किया जा सकता है और इस क्षतिपूर्ति का नाम ही बीमा है। बीमा एक ऐसा उपाय है जो बीमा कराने वाले को आकस्मिक तथा भावी जोखिम से सुरक्षा प्रदान करता है। अर्थात् बीमा प्रत्येक प्रकार के जोखिमों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करने का एक अद्भुत साधन है।