विषय सूची बीमा से आशय (Meaning of Insurance) बीमा की परिभाषा (Definitions
of Insurance) बीमा के कार्य (Function of
Insurance) 1.
प्राथमिक
कार्य (i)
सुरक्षा प्रदान
करना (ii)
निश्चितता प्रदान
करना (iii)
जोखिम का
वितरण 2.
द्वितीयक
कार्य (i)
हानियो की
संभावना को
समाप्त करना (ii)
पूंजी की
व्यवस्था करना
(iii)
सामाजिक कल्याण
का उपकरण (iv)
प्रभावी सेवा (v)
वित्तीय स्थिरता
प्रदान करना 3.
अप्रत्यक्ष
कार्य (i) बचत
को प्रोत्साहित
करना (ii)
विदेशी व्यापार
को बढ़ावा
देना |
(MEANING OF INSURANCE)
मनुष्य
को
जान
और
उसको
जमा
पूँजी
को
अनेकानेक
तरह
से
महाविनाश
या
बर्बादी
होने
का
भय
बना
रहता
है।
कौन
जानता
है
कि
कब
किसकी
मृत्यु
हो
जाय
? मानव का
भविष्य
अज्ञात
है। कल
क्या
होने
वाला
है,
यह
अनिश्चित
है।
मकान,
दुकान,
जहाज,
मोटर,
ट्रक,
हवाई
जहाज,
रेल
आदि
के
दुर्घटनाग्रस्त
होने
से
लाखों
रुपयों
को
हानि
होने
के
साथ-साथ
व्यावसायिक
क्षेत्र
में
परेशानियाँ
आ
जाती
है।
अगर
व्यापारी
को
दुकान
दुर्घटनाग्रस्त
हो
जाती
है,
उसका
व्यवसाय
नष्ट
हो
जाता
है
वह
अन्त
में
व्यापारियों
के
कजों
का
भुगतान
भी
नहीं
कर
पाता
है।
इससे
अन्य
व्यापारियों
के
व्यापार
पर
भी
बुरा
प्रभाव
पड़ता
है।
आकस्मिक दुर्घटनाएँ संकटों की एक लम्बी श्रृंखला को जन्म देती है जिससे समाज को बहुत हानि होती है। मृत्यु, युद्ध, आग, तूफान, दंगे, यान्त्रिक खराबियाँ, अत्यधिक गति व बीमारियाँ इन होने वाली दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। इन विभिन्न कारणों से होने वाली दुर्घटनाओं को तो नहीं रोका जा सकता परन्तु इससे होने वालो आर्थिक क्षति की पूर्ति अवश्य कम किया जा सकता है और इस क्षतिपूर्ति का नाम ही बीमा है। बीमा एक ऐसा उपाय है जो बीमा कराने वाले को आकस्मिक तथा भावी जोखिम से सुरक्षा प्रदान करता है। अर्थात् बीमा प्रत्येक प्रकार के जोखिमों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करने का एक अद्भुत साधन है।
बीमा की परिभाषा
(DEFINITIONS OF INSURANCE)
- "बीमा एक योजना है जिसके द्वारा लोग बड़ी संख्या में सहयुक्त होकर व्यक्तियों की जोखिमों को सबके ऊपर अन्तरित करते हैं।" जॉन मैगी
- "बीमा एक साधन है जिसके द्वारा कुछ की हानियां बहुतों में बंट जाती हैं।" डिंसडेल
- "बीमा एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा अनिश्चितता के स्थान पर निश्चितता स्थापित होती है।"मैक गिल
बीमा के कार्य (Function of Insurance)
बीमा
के
कार्यों
को
निम्नलिखित
श्रेणियों
में
विभाजित
किया
जा
सकता
है।
1.
प्राथमिक
कार्य
(i)
सुरक्षा
प्रदान
करना
(ii)
निश्चितता
प्रदान
करना
(iii)
जोखिम
का
वितरण
2.
द्वितीयक
कार्य
(i)
हानियो
की
संभावना
को
समाप्त
करना
(ii)
पूंजी
की
व्यवस्था
करना
(iii)
सामाजिक
कल्याण
का
उपकरण
(iv)
प्रभावी
सेवा
(v)
वित्तीय
स्थिरता
प्रदान
करना
3.
अप्रत्यक्ष
कार्य
(i) बचत
को
प्रोत्साहित
करना
(ii) विदेशी व्यापार को बढ़ावा देना
1. प्राथमिक/
प्रधान
कार्य
(Primary Functions)
(i) निश्चितता प्रदान करना
बीमा
का
प्रधान
कार्य
है
प्रतिकूल
घटनाओं
की
अनिश्चितता
को
कम
करना
तथा
निश्चितता
प्रदान
करना।
यही
बीमा
का
मूल
उद्देश्य
भी
है।
प्रत्येक
जोखिम
में
हानि
की
अनिश्चितता
है।
किसी
जोखिम
द्वारा
भविष्य
में
हानि
होगी
या
नहीं
होगी
और
यदि
होगी
तो
कब
और
कितनी
होगी,
ये
अनिश्चितताएं
हैं।
बीमा
करा
लेने
से
ये
समस्त
अनिश्चितताएं
निश्चितता
में
परिणत
हो
जाती
हैं
क्योंकि
बीमा
कराने
वाला
प्रीमियम
के
रूप
में
जो
पूर्व-निश्चित
रकम
अदा
करता
है
वही
रकम
हानि
की
निश्चितता
व्यक्त
करती
है।
(ii) सुरक्षा प्रदान करना
बीमा
का
एक
महत्वपूर्ण
कार्य
नुकसान
के
संभावित
जोखिम
के
खिलाफ
सुरक्षा
प्रदान
करना
है। यह
एक
तरह
की
गारंटी
है
कि
बीमा
किसी
व्यक्ति
को
हुए
नुकसान
की
भरपाई
करेगा। बीमा
घटनाओं
के
घटित
होने
की
जाँच
नहीं
कर
सकता
है
लेकिन
यह
निश्चित
रूप
से
ऐसी
घटनाओं
में
क्षतिपूर्ति
प्रदान
करता
है।
(iii) जोखिमों का वितरण
बीमा
जोखिमों
को
व्यापक
आधार
पर
वितरित
करने
का
कार्य
करता
है।
किसी
विशिष्ट
जोखिम
का
बीमा
कराने
वालों
का
पूरा
समूह
हानिग्रस्त
व्यक्तियों
की
हानियों
को
आपस
में
बांट
लेता
है।
बीमा
की
व्यवस्था
के
अन्तर्गत
जोखिमों
में
सम्भावित
हानियों
का
व्यापक
आधार
पर
वितरण
हो
जाता
है।
यह
बीमा
का
महत्वपूर्ण
कार्य
है।
बीमित
व्यक्तियों
में
जो
विपत्तिग्रस्त
होते
हैं
उनकी
आर्थिक
हानियां
समस्त
बीमित
समुदाय
में
बंट
जाती
हैं
और
इस
तरह
से
बीमा
प्रत्येक
व्यक्ति
के
ऊपर
आने
वाली विपत्ति
के
बोझ
को
बहुत
हल्का
कर
देता
है।
2. द्वितीयक
कार्य
(i) हानियो की रोकथाम
रोकथाम
हमेशा
इलाज
से
बेहतर
होती
है। हानि
की
रोकथाम
जोखिम
की
समस्या
का
अब
तक
का
सबसे
अच्छा
समाधान
है। दुर्भाग्यपूर्ण
परिणामों
से
बचने
के
लिए
यह
सबसे
प्रभावी
और
सस्ता
तरीका
है। अग्निरोधी
निर्माण,
सुरक्षा
निर्देशों
का
पालन,
स्वचालित
स्पार्कलर
सिस्टम
की
स्थापना
आदि
से
आग
को
रोका
जा
सकता
है। इसी
तरह
बेहतर
सड़कें,
बेहतर
रोशनी,
बेहतर
यातायात
नियम
से
ऑटोमोबाइल
दुर्घटनाओं
को
कम
किया
जा
सकता
है। बेहतर
चिकित्सा
सुविधाएं
उपलब्ध
कराकर
जीवन
काल
बढ़ाया
जा
सकता
है।
(ii) पूंजी की व्यवस्था करना
यह
समाज
को
पूंजी
प्रदान
करता
है। किसी
देश
के
नियोजित
विकास
के
लिए
भारी
मात्रा
में
पूंजी
की
अत्यधिक
आवश्यकता
होती
है। संचित
निधि
को
उचित
बुनियादी
ढाँचा
प्रदान
करने
और
उत्पादक
चैनल
में
निवेश
करने
में
निवेश
किया
जाता
है।
(iii) सामाजिक कल्याण का उपकरण
कोई
भी
बीमा
की
उपयोगिता
को
कम
नहीं
आंक
सकता,
खासकर
ऐसे
माहौल
में
जो
कई
आर्थिक,
सामाजिक
और
राजनीतिक
समस्याओं
के
कारण
जटिल
है। LIC
का
निवेश
सामाजिक
कल्याण
की
योजनाओं
जैसे
बिजली
विकास,
आवास
ऋण,
जल
आपूर्ति,
कृषि,
कृषि-आधारित
उद्योगों
में
किया
जाता
है।
(v) वित्तीय स्थिरता प्रदान करना
देश
के
सभी
बीमा
योग्य
व्यक्तियों
तक
पहुंचने
और
उन्हें
मृत्यु
के
खिलाफ
पर्याप्त
वित्तीय
कवर
प्रदान
करने
के
उद्देश्य
से
ग्रामीण
क्षेत्रों
और
सामाजिक
और
आर्थिक
रूप
से
पिछड़े
वर्गों
को
कवर
देने
के
लिए
बीमा
की
आवश्यकता
काफी
हद
तक
महसूस
की
जाती
है।
(iv) प्रभावी सेवा
बीमा
निगम
में
निगम
में
काम
करने
वाले
सभी
लोग
अपनी
सर्वोत्तम
क्षमता
से
शामिल
होते
हैं
और
बीमित
लोगों
को
शिष्टाचार
और
ईमानदारी
के
साथ
कुशल
सेवा
प्रदान
करके
उनके
हित
को
आगे
बढ़ाते
हैं।
3. अप्रत्यक्ष
कार्य
(i) बचत को प्रोत्साहित करना
जीवन
बीमा
बचत
का
एक
तरीका
है। लोगों
में
मितव्ययिता
और
बचत
की
आदत
को
प्रोत्साहित
करने
के
लिए
आयकर
अधिनियम
द्वारा
आयकर
में
कुछ
राहतें
दी
गई
हैं। जीवन
बीमा
प्रीमियम
का
भुगतान
आदत
बन
जाता
है
और
वास्तव
में
अनिवार्य
बचत
लाता
है।
(ii) विदेशी व्यापार को बढ़ावा देना
विदेशी
व्यापार
पूरी
तरह
से
बीमा
पर
निर्भर
करता
है। जब
तक
कार्गो
का
पूर्ण
बीमा
नहीं
हो
जाता,
बैंकर
समुद्री
व्यापार
बिलों
में
छूट
नहीं
देंगे। हमारे
देश
में
विदेशी
व्यापार
के
लिए
बीमा
अनिवार्य
कर
दिया
गया
है। यह
उद्यमियों
को
विदेशी
व्यापार
से
राहत
देता
है।